आज क्या किया – अरविन्द की टोली तल्लीन होकर किसी की खोज में लगी हुई है, पर उनका शिकार तो पत्थर के नीचे छुपा हुआ है| देखते हैं आखिर उनका शिकार कौन है?
लट्टू ही लट्टू – कुछ पैसे बचाकर मन्नु लाल रंग का लट्टू खरीद लाया| उसका खेल देखने सभी दोस्त मैदान में आ गए हैं| सभी लट्टू पर लट्टू हैं, हम भी अपना लट्टू लेकर खेलने चलते हैं|
घर बनाया – बचपन में हम सब घर-घर खेलते हैं| आकाश, रोहित, मोनू और इमरान भी अपने आसपास से सामान जोड़ते हुए घर बना रहे – बहुत बड़ा नहीं हो कि सब दूर हो जाएँ| और हाँ, खिड़की भी लगेगी|
कार – आज कबाड़ में जुनैद को कार मिली है और इसको स्कूल भी ले आया है| क्लास में तो मैडम उसे खेलने नहीं दे रहीं हैं| लेकिन हम सब का मन उस लाल गाड़ी पर ही है|
राजू की भैंसें– भैंसे चराते-चराते, राजू भी दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने लग गया| जब तक भैंसों की वापस याद आई, तब तक तो वे कहीं दूर निकल गयी होती हैं| पापा की मार से डरते हुए राजू की मदद के लिए हम सब दोस्त भी निकल पड़तेचलते हैं|
सुअर का दोस्त–सुअर अलग-अलग जानवरों के पास दोस्ती ढूँढने जाता है, लेकिन घोड़ा हो या बन्दर, सब मना कर देते हैं| इस मार्मिक कहानी से कुछ बड़े सवाल खुलते हैं, क्या हम अपने जैसे लोगों से ही दोस्ती कर सकते हैं?
Highlights:
- Language: Hindi
- Short Story
- “Padho Rakho Series”
- Kid Friendly
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