Pongal

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परम्परा के अनुसार माडसामी हर पोंगल पर अपने ज़मींदार के लिए अपनी सामर्थ्य से भी अधिक उपहार लेकर जाता है। जबकि उसके खुद के पास अपना परिवार पालने के लिए पर्याप्त साधन और भरपेट भोजन नहीं होता।

तो फिर क्यों माडसामी इस परम्परा का पालन करता है? क्या माडसामी की अगली पीढ़ी को भी इस परम्परा का अनुसरण करना चाहिए?

Highlights:

  • Language: Hindi
  • Story Book
  • Kid Friendly

 

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SKU:A8

परम्परा के अनुसार माडसामी हर पोंगल पर अपने ज़मींदार के लिए अपनी सामर्थ्य से भी अधिक उपहार लेकर जाता है। जबकि उसके खुद के पास अपना परिवार पालने के लिए पर्याप्त साधन और भरपेट भोजन नहीं होता।

तो फिर क्यों माडसामी इस परम्परा का पालन करता है? क्या माडसामी की अगली पीढ़ी को भी इस परम्परा का अनुसरण करना चाहिए?

प्रसिद्ध तमिल, दलित नारीवादी लेखक बामा की यह लघु कहानी मूल रूप में तमिल में लिखी गयी थी। बामा की कहानियों में जाती व्यवस्था के बीच जी रही लोग, चाहे वो दलित महिला हो या एक लड़का, उस व्यक्ति के खुद की सोच और व्यक्तित्व सामने आता है।

Highlights:

  • Language: Hindi
  • Story Book
  • Kid Friendly

 

Dimensions 17 × 22.5 cm
Author(s)

Bama

Illustrator(s)

Karen Haydock

Language(s)

Hindi

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